BPSC TEACHER: स्कूल जा रही BPSC टीचर शिवानी वर्मा की गोली मारकर हत्या

बिहार में स्कूल जा रही BPSC टीचर शिवानी वर्मा की गोली मारकर हत्या


बिहार के अररिया जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां स्कूल जा रही BPSC चयनित शिक्षिका शिवानी वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उत्तर प्रदेश की रहने वाली शिवानी वर्मा शिक्षा सेवा में योगदान देने के उद्देश्य से बिहार आई थीं, लेकिन विद्यालय जाते समय उनकी निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि महिला सुरक्षा और शिक्षिकाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी गंभीर चिंतन की मांग करती है।

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कौन थीं शिवानी वर्मा?


शिवानी वर्मा मूल रूप से लखनऊ (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली थीं। हाल ही में उन्होंने BPSC के माध्यम से शिक्षक के पद पर सफलता प्राप्त की थी और अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड स्थित एक सरकारी विद्यालय में कार्यरत थीं। परिवार और परिचितों के अनुसार, शिवानी बचपन से ही शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का सपना देखती थीं। उनकी पहली पोस्टिंग ही अररिया में हुई थी, जहां वह पूरी निष्ठा के साथ बच्चों को पढ़ाने का कार्य करती थीं।

उनकी नौकरी का सफर अभी शुरू ही हुआ था, तभी यह दर्दनाक घटना हो गई जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया।

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घटना कैसे हुई?


घटना बुधवार सुबह की है। रोजाना की तरह शिवानी अपने आवास फारबिसगंज से बच्चों को पढ़ाने के लिए नरपतगंज स्कूल जा रही थीं। तभी रास्ते में घात लगाए बैठे बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्हें लगातार तीन गोलियां मारी गईं, जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब तक शिवानी को अस्पताल ले जाया जाता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


छेड़छाड़ और दबाव के आरोप


प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जिस विद्यालय में शिवानी वर्मा पदस्थापित थीं, वहां एक स्थानीय दबंग व्यक्ति द्वारा लंबे समय से उन्हें परेशान किया जा रहा था। रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि उक्त आरोपी द्वारा शिवानी को लगातार छेड़छाड़ और शादी के लिए दबाव बनाया जाता था।

इन आरोपों के मुताबिक, शिवानी ने कई बार इस दबाव का विरोध किया था और स्पष्ट रूप से इनकार भी किया था। बताया जा रहा है कि इसी नाराजगी में बुधवार को काम पर जाते समय उनकी हत्या कर दी गई। हालांकि, यह सभी बातें जांच का विषय हैं और पुलिस प्रत्येक बिंदु को गंभीरता से खंगाल रही है।

पुलिस जांच जारी, कई संदिग्धों से पूछताछ


घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। अधिकारियों के मुताबिक:

इलाके में लगे CCTV फुटेज की जांच की जा रही है

शिवानी के स्कूल और स्थानीय लोगों से भी बयान लिए जा रहे हैं

प्रारंभिक रूप से व्यक्तिगत रंजिश और उत्पीड़न के बिंदु पर जांच तेज हो गई है

संदिग्ध व्यक्तियों की सूची तैयार की जा रही है

पुलिस ने यह भी बताया है कि जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षिकाओं की सुरक्षा पर उठा बड़ा सवाल

यह घटना एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई को सामने रखती है कि ग्रामीण इलाकों में पोस्टेड महिला शिक्षिकाएं अक्सर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती हैं।

शिवानी वर्मा जैसी युवा महिला शिक्षक, जो बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए दूर-दराज से आती हैं, जब खुद सुरक्षित नहीं हैं, तो यह शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, न्याय की मांग

शिवानी के परिवार को जब यह खबर मिली, तो घर में कोहराम मच गया। परिवार का कहना है कि शिवानी बेहद होनहार और जिम्मेदार थीं। उनका कहना है कि:

“हमने अपनी बेटी को पढ़ाकर आगे बढ़ाया, लेकिन बिहार में उसकी सुरक्षा नहीं हो सकी।”

“हमें न्याय चाहिए और हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”

सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और शिक्षिकाओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल


घटना के बाद से स्थानीय लोगों और स्कूल के शिक्षकों में काफी नाराजगी है। उनका मानना है कि यदि पहले ही उत्पीड़न की शिकायतों पर कार्रवाई हुई होती, तो शायद आज यह घटना न होती। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल आने-जाने वाली महिला शिक्षकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे भयमुक्त होकर अपना काम कर सकें।

क्या कहती है सरकार और प्रशासन?


घटना के बाद जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। अधिकारियों ने मामले की तेजी से जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। इसके अलावा महिला शिक्षिकाओं की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने की बात भी कही जा रही है।

घटना का सामाजिक प्रभाव


यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनहीनता और महिला सुरक्षा व्यवस्था की खामियों का प्रतीक बन चुका है। एक पढ़ी-लिखी, सपनों से भरी युवा शिक्षिका का इस तरह मारा जाना समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कब तक महिलाएं अपने कार्यस्थल, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर असुरक्षित महसूस करती रहेंगी?

निष्कर्ष


शिवानी वर्मा की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ उनकी मौत से शिक्षा जगत में शोक की लहर है, तो दूसरी ओर यह घटना महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

सभी की यही मांग है कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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