Prem Kumar: प्रेम कुमार बने बिहार विधानसभा अध्यक्ष

Prem Kumar बने बिहार विधानसभा अध्यक्ष :

बिहार में NDA की सरकार बनने के बाद आज विधानसभा की पहली बैठक आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक बैठक में सर्वसम्मति से डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of Bihar Assembly) चुना गया।

अध्यक्ष चुने जाने के इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिंह, साथ ही कई माननीय विधायक उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने प्रेम कुमार को बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ दीं।

 

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कौन हैं प्रेम कुमार?

डॉ. प्रेम कुमार बिहार के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक माने जाते हैं।
उनके बारे में कुछ प्रमुख बातें—

  • लगातार 9 बार विधायक चुने गए

  • गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से राजनीति की मजबूत पकड़

  • लगभग 35 वर्षों से सक्रिय राजनीति में योगदान

  • मंत्री, विपक्ष के नेता सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य

  • जनता-हित के मुद्दों पर हमेशा सक्रिय उपस्थिति

उनकी शांत, संतुलित और अनुशासित छवि उन्हें अध्यक्ष पद के लिए स्वाभाविक रूप से उपयुक्त बनाती है।

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आज की बैठक में क्या हुआ?

पहली बैठक में सभी विधायकों ने प्रेम कुमार के नाम पर सहमति जताई।
चूँकि नया कार्यकाल और नई सरकार का गठन हुआ है, इसलिए अध्यक्ष पद का चुनाव बैठक का पहला एजेंडा था।

नए अध्यक्ष के रूप में मनोनीत होने के बाद प्रेम कुमार ने कहा कि वे सदन को निष्पक्षता, मर्यादा और संविधान की भावना के साथ चलाएँगे।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने भी कहा कि प्रेम कुमार के अनुभव से सदन की कार्यवाही और अधिक सुचारू व सम्मानजनक बनेगी।

विधानसभा अध्यक्ष कौन होता है? (सरल भाषा में समझें)

बिहार विधानसभा का अध्यक्ष, विधानसभा का सबसे उच्च पद होता है।
उन्हें अक्सर "विधानसभा का पिता सिंह अधिकारी" भी कहा जाता है।

विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका:

  • सदन की पूरी कार्यवाही को संचालन करना

  • विधायी प्रक्रियाओं को नियमों के अनुसार चलाना

  • सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को समान अवसर देना

  • सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखना

अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?

  • बिहार विधानसभा के आम चुनाव के बाद,
    पहली बैठक में ही अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।

  • अध्यक्ष को 5 वर्षों के लिए चुना जाता है।

  • वे तब तक पद पर रहते हैं,
    जब तक वे विधानसभा के सदस्य बने रहते हैं
    या स्वेच्छा से त्यागपत्र नहीं देते।

अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कौन चलाता है सदन?

  • अध्यक्ष न होने पर उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) सदन की कार्यवाही संभालते हैं।

प्रेम कुमार के अध्यक्ष बनने से क्या होगा?

  • विधानसभा में अनुशासन और सौहार्द बढ़ेगा

  • सत्ता व विपक्ष के बीच बेहतर संवाद बनेगा

  • कार्यवाही अधिक पारदर्शी और संतुलित रहेगी

  • अनुभव का लाभ पूरे सदन को मिलेगा

निष्कर्ष

प्रेम कुमार का बिहार विधानसभा अध्यक्ष चुनना बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है।
उनका वर्षों का अनुभव और जनता से मजबूत जुड़ाव, उन्हें इस पद के लिए एक आदर्श नेता बनाता है।

अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि वे आने वाले पाँच वर्षों में किस तरह से विधानसभा को नई दिशा देते हैं।

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