“प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त: 9 करोड़ किसानों को मिला आत्म-सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण का तोहफा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2025 को PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना की 21वीं किस्त जारी कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस मौके पर लगभग 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में ₹18,000 करोड़ की राशि सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से ट्रांसफर की गई है। यह न सिर्फ एक आर्थिक सहायता है, बल्कि किसानों की आत्म-आदर, सम्मान और दीर्घकालीन समृद्धि की दिशा में एक मजबूत संदेश है।
PM-KISAN का महत्व और उद्देश्य
PM-KISAN योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे 24 फ़रवरी 2019 को लॉन्च किया गया था। इसका मूल उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता देना है—जो तीन बराबर किस्तों (हर किस्त में ₹2,000) में उनकी बैंक खातों में भेजी जाती है।
यह योजना सिर्फ पैसों की मदद नहीं है, बल्कि यह किसानों की जीवनशैली में स्थिरता और आत्म-सम्मान को बढ़ाने का एक माध्यम है। खेती के लिए आवश्यक खर्च (बीज, खाद, सिंचाई आदि) के समय यह रकम उनकी आर्थिक चिंता को कम करती है और बैंक पर निर्भरता को घटाती है।
21वीं किस्त — क्या खास है?
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इस बार जारी की गई 21वीं किस्त, ₹18,000 करोड़ की विशाल राशि है, जिसे लगभग 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में भेजा गया है।
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यह भुगतान DBT के जरिए किया गया, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करता है और बिचौलियों की भूमिका को पूरी तरह खत्म कर देता है।
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इस किस्त को रिलीज़ करने के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन में उपस्थित थे।
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प्रेस नोट के अनुसार, यह दिन “प्रधानमंत्री किसान उत्सव दिवस” के रूप में मनाया गया।
किसानों की सशक्तिकरण और आत्म-सम्मान की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि पीएम-किसान योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए समर्थन, आत्मविश्वास और सुरक्षा का एक स्तंभ बन गई है।
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इस आर्थिक सहायता से किसान अपने जरूरतों (बीज, उर्वरक, कृषि सुधार आदि) को बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं, जिससे उनकी उपज गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर होता है।
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डिजिटल तकनीक (जैसे Aadhaar-बेस e-KYC, PM-KISAN पोर्टल) का इस्तेमाल इस योजना में किया गया है, जिससे लाभार्थियों का सत्यापन, बैंक खाता लिंकिंग और भुगतान पूरी तरह पारदर्शी और सुलभ है।
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इसके अलावा, यह डिजिटल आर्किटेक्चर किसानों को सरकारी तंत्र से जोड़कर उन्हें एक सम्मानित और व्यवस्थित माध्यम देता है, न कि केवल अस्थायी सहायता।
लंबी अवधि का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
PM-KISAN योजना की निरंतरता और उसकी नियमित किस्तें (जैसे यह 21वीं किस्त) केवल एक अंतरिम राहत नहीं हैं; यह किसानों के जीवन में स्थिरता लाने का एक माध्यम हैं।
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अब तक इस योजना के माध्यम से कुल ₹3.70 लाख करोड़ से अधिक की राशि 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों तक पहुंच चुकी है।
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यह क्षमता दिखाती है कि यह सिर्फ एक ‘योजना’ नहीं बल्कि एक संरचित, दीर्घकालिक आर्थिक समर्थन प्रणाली बन चुकी है, जो किसानों को भविष्य में वित्तीय संकटों से लड़ने में सक्षम बनाती है।
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साथ ही, प्राकृतिक खेती (Natural Farming) जैसे टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देकर, यह कदम पर्यावरण-हितैषी कृषि मॉडल की ओर भी योगदान देता है। मोदी ने कोयंबटूर में कहा कि प्राकृतिक कृषि किसानों की लागत कम कर सकती है और उनकी आय में स्थिरता ला सकती है।
चेलेंज और आगे की राह
जहाँ यह किस्त और योजना बहुत सकारात्मक पहलू प्रस्तुत करती है, वहीं कुछ चुनौतियाँ और सवाल भी हैं:
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e-KYC और डेटा अपडेटिंग: किसानों को PM-KISAN पोर्टल पर e-KYC पूरा करना अनिवार्य है। कई किसानों के खाते आधार से जुड़ना चाहिए ताकि वो भविष्य में लाभ से वंचित न हों।
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लाभार्थियों की सत्यता: यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल योग्य और वास्तविक किसानों को ही लाभ मिले, ताकि संसाधनों का दुरुपयोग न हो।
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विस्तार और पहुँच: भारत में बहुत से सीमांत किसान अभी भी ऐसी सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में कठिनाई महसूस करते हैं — डिजिटल साक्षरता, बैंकिंग पहुंच और भूमि रिकॉर्ड की समस्याएं बाधक हो सकती हैं।
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दीर्घकालिक स्थिरता: आर्थिक सहायता एक पंख है, लेकिन किसानों की सतत समृद्धि के लिए बाज़ार पहुंच, बेहतर खेती तकनीक, सुरक्षित ऋण और संवर्धन (जैसे प्राकृतिक खेती) जैसी पॉलिसी आवश्यक हैं।
निष्कर्ष
PM-KISAN की 21वीं किस्त न सिर्फ ₹18,000 करोड़ का उत्सव है, बल्कि यह 9 करोड़ किसान भाइयों और बहनों के लिए आत्म-सम्मान, आर्थिक भरोसे और दीर्घकालीन सशक्तिकरण का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम में यह स्पष्ट संदेश है — “हमारे किसान सिर्फ प्राप्तकर्ता नहीं, देश की रीढ़ हैं।” डिजिटल माध्यमों और पारदर्शी DBT प्रणाली से यह योजना किसानों को सीधे जोड़ रही है, जिससे उनका जीवन बेहतर, सम्मानजनक और स्थिर हो सके। यह सिर्फ आज की राहत नहीं है — यह किसानों की आने वाली फसलों, उनके परिवारों और उनकी आत्म-शक्ति के लिए एक मजबूत आधार है।
इस तरह की पहल यह दिखाती है कि सरकार न सिर्फ आर्थिक सहायता देना चाहती है, बल्कि किसान का आत्म-सम्मान बढ़ाना, उनका भविष्य सुरक्षित करना और किसानी को आधुनिक और टिकाऊ मॉडल की ओर अग्रसर करना चाहती है। PM-KISAN 21वीं किस्त सिर्फ एक किस्त नहीं, बल्कि एक संदेश है — “हम आपके हिस्से में हैं, और हम आपके सम्मान में हैं।”
